देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
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यस्तु कुञ्जिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
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नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
बॉलीवुडओटीटीटेलीविजनतमिल सिनेमाभोजपुरी सिनेमामूवी रिव्यूरीजनल सिनेमा
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता read more है.
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